जाड़े के दिनों में सबसे ज्यादा मौसम परिवर्तन लानेवाला होता है पश्चिमी विछोभ होता है। इस बर्ष अभी तह इसके आगमन का इंतजार हो रहा है। इसके आगमन से मौसम गडबड़ाता तो है, परंतु इसके द्वार होने वाले अन्य उग्र मौसम घटना जैसे पाला का पड़ना, रात के तापमान में अचानक 4 -5 डि.से. तक गिरावट होना होता है । ये उग्र मौसम घटनायें फसलों को काफी नुकसान पहुचाती है। इस बार देर से बोये गये चना, समय से पहले बोये गये सरसो तथा मटर ,इससे बच जायेगे ।
अचानक दिन के तापमान समान्य से अधिक होने की संभावना 15 फरवरी के बाद होगी ,जिससे देर से बोई गई गैहू प्रभावित हो सकती है।
आनेवाले पोस्ट मे पढ़ीये कह्ने में फरवरी में इल्ली की प्रकोप ज्यादा रहेगा या कम?